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चाय विकास योजना के लिए पात्रता, लाभ एवं आवेदन का तरीका


Tea development scheme for Meghalaya Farmers

चाय की खेती उत्तर-पूर्वी भारत में एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि मानी जाती है, और मेघालय राज्य में इसका  आर्थिक वाणिज्यिक रूप से विस्तार करने के उद्देश्य से मेघालय सरकार द्वारा चाय विकास योजना (Tea Development Scheme) शुरू की गई है। 


इस योजना का मुख्य उद्देश्य चाय की खेती के विकास को प्रोत्साहित करना और राज्य में इसके व्यावसायिक  उत्पादन की संभावनाओं का पता लगाना है। इसके अंतर्गत चाय के पौधों का वितरण किया जाता है, साथ ही  कृषि उपकरणों और जैव उर्वरकों पर सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।


चाय विकास योजना का उद्देश्य


चाय विकास योजना के माध्यम से मेघालय राज्य के किसानों को चाय की खेती के लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना प्रमुख उद्देश्य है। इसका लक्ष्य राज्य में चाय उत्पादन को  बढ़ावा देकर  किसानों की  आय में वृद्धि करना है। इस योजना से किसानों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी प्राप्त  होता है जिससे वे अधिक उत्पादक और टिकाऊ चाय खेती कर सकें।


चाय विकास योजना के लाभ


योजना के अंतर्गत किसानों को कई प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है:


  1. चाय के पौधों का वितरण: किसानों को चाय के पौधों को मात्र ₹1 प्रति पौधा की दर पर उपलब्ध  कराया जाता है।

  2. वित्तीय सहायता: किसानों को प्रति हेक्टेयर ₹10,000 की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है  ताकि वे अपनी खेती का विस्तार कर सकें।

  3. उपकरण एवं पीपी रसायन: चाय कटाई करने वाले उपकरण, ब्रश कटर और अन्य आवश्यक कृषि  उपकरणों को 50% सब्सिडी पर किसानों को प्रदान किया जाता है।

  4. जैव उर्वरक और जैव रसायन: जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक और जैव कवकनाशी जैसे उत्पादों को  भी 50% सब्सिडी पर किसानों के लिए उपलब्ध कराया जाता है।


प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता


योजना के तहत चाय किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। इसके अंतर्गत  किसानों को गांव स्तर पर 100% सहायता के साथ प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे चाय की खेती के नवीनतम  तरीकों को जान सकें और अपनी खेती को अधिक उत्पादक बना सकें।


चाय विकास योजना के लिए योग्यता


इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:


  1. किसान मेघालय का निवासी होना चाहिए।

  2. किसान के पास स्वयं की या लीज पर ली गई भूमि होनी चाहिए, जो प्रति परिवार 2 हेक्टेयर  से अधिक न हो।

  3. किसान को कृषि कार्य में संलग्न होना चाहिए।


चाय विकास योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज


इस योजना के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:


  1. पासपोर्ट साइज फोटो

  2. पहचान पत्र

  3. बैंक खाता विवरण

  4. भूमि का स्वामित्व या लीज का प्रमाण

  5. अन्य कोई दस्तावेज, जो आवश्यक हो


चाय विकास योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया


इस योजना का आवेदन प्रक्रिया सरल और सीधी है, जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।आवेदन की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:


  1. इच्छुक किसान साधारण कागज पर लिखित आवेदन कर सकते हैं।

  2. आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता विवरण और  भूमि के स्वामित्व या लीज का प्रमाण संलग्न करना अनिवार्य है।

  3. आवेदन पत्र को जिला बागवानी अधिकारी या निकटतम बागवानी विकास अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होता है।


चाय विकास योजना के लिए चयन प्रक्रिया


इस योजना में किसानों का चयन "पहले आओ पहले पाओ" की आधार पर किया जाता है। इसका मतलब  है  कि जो किसान सबसे पहले आवेदन करेंगे, उन्हें पहले इस योजना का लाभ मिलेगा।


योजना का लाभ उठाने के लिए संपर्क


इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान निम्नलिखित अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं:


  1. जिला बागवानी अधिकारी

  2. बागवानी विकास अधिकारी


मेघालय सरकार की चाय विकास योजना किसानों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिससे वे चाय की खेती  को वाणिज्यिक रूप से कर सकते हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं। 


चाय की खेती से जुड़ी यह योजना मेघालय के आर्थिक विकास में भी सहायक सिद्ध हो रही है। किसानों को  इस योजना का लाभ उठाकर चाय की खेती के नए अवसरों को अपनाना चाहिए।


आपको सूचित किया जाता है कि ऊपर दी गई जानकारी केवल ज्ञान के उद्देश्य से दी गयी है।

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